Vastu Tips: मंदिर में पूजा की शुरूआत भी दीया जलाए बिना नहीं होती है। पूजा करने के दौरान और पूजा के बाद भी दीया जलाने की विशेष धार्मिक मान्यता होती है। इस चलते चाहे मंदिर हो या घर में पूजा का कमरा (Puja Ghar) या छोटा सा दीवार से लगा हुआ मंदिर, दीया (Diya) जलाया ही जाता है। कोई मंदिर में घी का दीया जलाना पसंद करता है तो कोई तेल के दीये जलाता है। लेकिन, दीया जलाने के पीछे भी कई कारण होते हैं और वास्तु शास्त्र में भी दीया जलाने से जुड़े कई तरह के वास्तु टिप्स हैं।

 

नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर
दीया जलाने पर माना जाता है कि घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) नष्ट होने लगती है। इस चलते हर दिन दीया जलाने के लिए कहा जाता है। अपने आसपास दीया रखने पर मन को शांति का आभास होता है और इसीलिए पूजाघर के अलावा सोने के कमरे में भी बहुत से लोग दीया जलाकर रखते हैं।

 

घी का दीपक
जब भी कभी अत्यंत खुशी का अवसर होता है तो घी के दीपक जलाने का जिक्र आता है। कहते हैं घी के दीपक देवी-देवताओं को प्रसन्न करते हैं। धर्मशास्त्रों में भी घी के दीपक जलाने की सलाह दी जाती है और माना जाता है कि जिस घर में घी के दीपक जलाए जाते हैं वहां माता लक्ष्मी का वास होता है। वहीं, घी के दीपक (Ghee ka diya) जलाने पर वास्तु दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।

 

तेल का दीपक
दीये जलाने को लेकर कई बार प्रश्न किया जाता है कि क्या सिर्फ घी के दीपक ही जलाए जा सकते हैं या फिर तेल के दीपक भी जलाना अच्छा है। इसका एक बेहद सरल सा जवाब है कि दोनों तरह के दीपक मंदिर में जलाए जा सकते हैं। घी के दीपक और तेल के दीपक को जलाने के बाद बस इस बात का ध्यान रखें कि भगवान के दाहिनी ओर घी का और बाईं ओर तेल का दीपक जलाना अच्छा होता है।

 

 

वास्तु का ध्यान रखना है जरूरी
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दिशाओं का खास ख्याल रखना जरूरी है। घर में दीपक जलाने के संदर्भ में भी इस बात पर ध्यान दिया जाता है। पश्चिम दिशा में दीपक रखना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं ऐसा करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है सो अलग।

 

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