दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस साल धनतेरस 10 नवंबर को है। धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि धनतेरस के दिन ज्वैलर्स की दुकानों पर सुबह से लेकर रात तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है।

ज्वैलरी शॉप पर सोना खरीदते समय कैसे पता करें कि दुकानदार सही सोना दे रहा है या नहीं?
जवाब:
 सोना खरीदने से पहले ज्वैलरी का HUID नंबर जरूर चेक कर लें।

दरअसल सरकार की ओर से जारी नए नियमों के तहत 1 अप्रैल, 2023 से कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) के सोना नहीं बेच सकता।

सोना खरीदते समय होने वाली धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग प्रोसेस शुरू किया है।

पहले सोना खरीदने पर हॉलमार्किंग देखनी होती थी, अब HUID देखना पड़ता है। इन दोनों में क्या अंतर है?
जवाब:
 दोनों में बहुत अंतर है। हॉलमार्किंग की तुलना में HUID के तहत आप ज्यादा पारदर्शी तरीके से अपनी ज्वेलरी की जानकारी ले सकते हैं। क्योंकि HUID का सारा प्रोसेस ऑनलाइन है। लेकिन हॉलमार्किंग के तहत ये सुविधा नहीं थी।

सोना खरीदने के पहले रेट चेक करें: सोने की कीमत हर दिन घटती-बढ़ती रहती है। ऐसे में सोना खरीदने से पहले इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट पर जाकर उस दिन का सोने का भाव चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग रहता है।

हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन सर्टिफाइड सोना ही खरीदें: सोना खरीदने से पहले ज्वैलरी का HUID नम्बर जरूर चेक कर लें। सरकार ने अब इसे अनिवार्य भी कर दिया है। इसके अलावा ज्वैलरी का प्यूरिटी कोड, टेस्टिंग सेंटर मार्क, ज्वैलर का मार्क और मार्किंग की तारीख भी देखें।

सोना खरीदने पर पेमेंट ऑनलाइन ही करें: सोना खरीदते समय ऑनलाइन पेमेंट ही करें। जैसे- पेटीएम, गूगल पे, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड। ऐसा करने पर आप कई तरह की धोखाधड़ी से बच सकते हैं। यह एक तरह से रिकॉर्ड रहेगा कि आपने उस सुनार से गहना खरीदा है।

सोना खरीदने से पहले मेकिंग चार्ज जानें: सोने के आभूषण खरीदते समय मेकिंग चार्ज का ध्यान रखें। मशीन से तैयार गहनों का मेकिंग चार्ज 3 से 25 फीसदी तक हो सकता है।

वहीं कुछ कारीगर बारीक डिजाइन के गहने भी बनाते हैं। इन गहनों पर मेकिंग चार्ज 30 फीसदी तक हो सकता है। इसमें आप डिस्काउंट भी ले सकते हैं।

बिल जरूर लें और बीमा कराएं: सोना खरीदने के लिए हमेशा सही बिल या रसीद ध्यान से लें। यह डॉक्यूमेंट वॉरंटी, बीमा और वापस बेचने के लिए बहुत जरूरी होता है।

बिल में वेट, प्योरिटी और मेकिंग चार्ज सबकुछ लिखा है कि नहीं, ये भी चेक कर लें। इन्वेस्टवेंट की सुरक्षा के लिए सोने का बीमा कराने की भी सोच सकते हैं। कई बीमा कंपनियां खासकर आभूषणों और कीमती धातुओं के लिए डिजाइन की गई पॉलिसी ऑफर करती हैं।

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