अब जनवरी का भंडारा बाबा राम रहीम की मौजूदगी में मनाया जायेगा। शाह सतनाम महाराज ने ही राम रहीम को गुरुगद्दी दी थी, इससे पहले नवंबर महीने में डेरा के संस्थापक शाह मस्ताना महाराज के जन्मदिन के मौके पर भी डेरा चीफ राम रहीम बरनावा में थे।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 50 दिनों की पैरोल मिली है। चर्चा हैं कि आज शाम को या फिर कल सुबह वो सुनारियां से बागपत के लिए रवाना होंगे। राम रहीम को पैरोल मिलने की खबर मिलते ही उनके आश्रम में स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बताया जा रहा हैं कि इस बार भी बाबा उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित डेरा सच्चा सौदा के आश्रम यानि बरनावा आश्रम में रहेंगे। उधर, बरनावा के साथ साथ डेरा सिरसा में जैसे ही ये खबर पहुंची तो दोनो ही जगह ढोल बजाने की सूचना है। 

आपको बता दें कि डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह महाराज का जन्मदिन 25 जनवरी को होता है। ये दिन डेरा सच्चा सौदा के इतिहास में बड़ा दिन होता हैं, अब जनवरी का भंडारा बाबा राम रहीम की मौजूदगी में मनाया जायेगा। शाह सतनाम महाराज ने ही राम रहीम को गुरुगद्दी दी थी, इससे पहले नवंबर महीने में डेरा के संस्थापक शाह मस्ताना महाराज के जन्मदिन के मौके पर भी डेरा चीफ राम रहीम बरनावा में थे।

पैरोल और फरलों एक सजायफता कैदी को मिलती हैं, इन दोनों को देते वक्त कुछ पैमानों को ध्यान में रखा जाता है।  पैरोल का मतलब है कि सजा पूरी होने से पहले मुजरिम को जेल से मिली कुछ दिनों की रिहाई होती है। जिसके लिए अच्छा व्यवहार होना भी एक शर्त है। इसके लिए कैदी को जेल से बाहर निकलने के लिए जरूरी वजह बतानी पड़ती है और संबंधित राज्य की सरकार उसे पैरोल देने पर आखिरी फैसला करती है। बाबा राम रहीम की सुरक्षा क्योंकि बड़ा विषय रही हैं, ऐसे में पैरोल की कार्यवाही पूरी करने के लिए जहां पर ये रूकेंगे, वहां के लोकल प्रशासनिक अधिकारियों से भी इस बारे में रिपोर्ट मांगी जाती है।

इससे पहले उन्हें नवंबर 2023 में 21 दिन की फरलों दी गई थी। इसके बाद वह पिछले साल 21 नवंबर को हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल से बाहर आए थे। 2023 में राम रहीम की जेल से यह तीसरी अस्थायी रिहाई थी।

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