पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा में भी राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) पदाधिकारियों की संघ नेताओं की कई महत्वपूर्ण बैठकों और CM मनोहर लाल की सूबे के गवर्नर से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। सरकार में मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी की चार बड़ी वजह बताई जा रही हैं। पहली वजह तो अनिल विज और CMO के विवाद को माना जा रहा है। इसके साथ ही सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) से किनारा करने को लेकर भी बहाने की तलाश कर रही है।

कई मंत्रियों के विभागों में काम काज को लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व एतराज जता चुका है, जिसके बाद सीएम मनोहर इनके विभागों में बदला कर अपने पास रख सकते हैं। इसके साथ ही कुछ निर्दलीय विधायकों को साधना भी सरकार की मजबूरी बना हुआ है।

निर्दलीयों को साधना सरकार की मजबूरी

हरियाणा में जजपा के साथ 7 निर्दलीय विधायक सरकार में अपना समर्थन दे रहे हैं। ये विधायक लगातार पार्टी प्रभारी बिप्लब देब और सीएम मनोहर लाल से मिल रहे हैं। पिछले दो दिनों में भी सीएम और पार्टी प्रभारी के साथ निर्दलीय विधायक संपर्क बनाए हुए हैं। वह लगातार दबाव बना रहे हैं कि जजपा से गठबंधन तोड़कर सरकार में उन्हें शामिल करें। हालांकि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन पांच राज्यों के चुनाव के बाद भाजपा हरियाणा में नए चेहरों की तलाश में जुट गई है।

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