गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत और म्यांमार के बीच फ्री आवाजाही को बंद करने का ऐलान किया है। गृह मंत्री ने अपने असम दौरे में कहा कि देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत और म्यांमार के बीच खुली सीमा पर बाड़ेबंदी का फैसला किया है। शाह ने कहा कि सरकार इसके लिए खुली सीमा वाले समझौते को भी सामाप्त करेगी। म्यांमार के साथ खुली सीमा को लेकर पिछले दिनों मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में लंबी हिंसा के प्रमुख कारणों के रूप में खुली सीमा और मुक्त आवाजाही पर चिंता जताई थी, तो वहीं दूसरी तरफ आइजोल में मिजोरम के सीएम लालदुहोमा ने घोषणा पर हैरानी जताई है। लादुहोमा ने कहा है कि मैंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और उन्हें एफएमआर (फ्री मूवमेंट) को खत्म करने और सीमा पर बाड़ लगाने के अपने विरोध के बारे में बताया था। इतना ही नहीं इस ऐलान के बाद नागालैंड के डिप्टी सीएम वाई पैटन ने लालडुहोमा के रुख को दोहराया है। उन्होंने कहा कि सीमा पर बाड़ लगाने का कोई भी निर्णय नागाओं के लिए अस्वीकार्य होगा।

  • शुरुआत में एक औपचारिक समझौते में यह तय हुआ था कि संस्कृति में मेलझोल होने के कारण दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही होनी चाहिए। इनमें नागा, मिजो, कुकी और चिंस को शामिल किया गया था।
  • 1968 में फ्री बॉर्डर मूवमेंट को स्वीकृति दी गई थी। इसमें कहा गया था कि बॉर्डर के दोनों तरफ 40 किलोमीटर के दायरे में रहने वाली जनजातियां बिना पासपोर्ट और वीजा के आ जा सकते हैं। इसमें 40 किलीमीटर सीमा को फ्री मूवमेंट के लिए रखा गया था।
  • 2004 में भारत ने फ्री बॉर्डर मूवमेंट को सीमित कर दिया था। सरकार ने फ्री मूवमेंट के लिए बॉर्डर को 40 किलोमीटर से घटाकर 16 किलोमीटर कर दिया था। इतना ही नहीं इसके लिए तीन स्थान भी तय कर दिए थे। इनमें पंगसऊ (अरुणाचल प्रदेश), मोरेह (मणिपुर) और जोखावथर (मिजोरम) शामिल थे।
  • 2018 में भारत और म्यांमार ने मूवमेंट के लिए एक पैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे।

चार राज्यों में फैली है सीमा
1,643 किमी लंबी बिना बाड़ वाली सीमा चार पूर्वोत्तर राज्यों में फैली है। इनमें अरुणाचल प्रदेश (520 किमी), नागालैंड (215 किमी), मणिपुर (398 किमी), और मिजोरम (510 किमी) शामिल हैं। यह ओपन बार्डर खतरनाक इलाकों और बड़े पैमाने पर वीरान क्षेत्रों के माध्यम से मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करती है। मणिपुर में हिंसा के बाद बीआरओ की तरफ से राज्य की म्यांमार से लगी 10 किमी सीामा पर बाड़ेबंदी होर ही है। इसके अलावा 70 किमी अतिरिक्त बाड़ लगाने की योजना है। अरुणाचल प्रदेश ने अभी तक कोई स्टैंड नहीं लिया है।

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