दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के दो लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक भी वहीं हुई है। जो गाजियाबाद महायोजना 2031 को मंजूरी देता है। 2031 के मास्टर प्लान की तैयारी अभी से शुरू हुई है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे दो लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे, जो औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगे और उचित प्रबंधन करेंगे।

शनिवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक में गाजियाबाद की महायोजना 2031 को मंजूरी दे दी गई। अब शासन को मास्टर प्लान भेजा जाएगा। उस स्थान से मंजूरी मिलने पर लागू होगा।

शनिवार को मेरठ मंडलायुक्त के कार्यालय सभागार में जीडीए की 163वीं बोर्ड बैठक हुई, जिसे जीडीए बोर्ड अध्यक्ष सेलवा कुमारी जे. ने अध्यक्षता की। इसमें मोदीनगर-मुरादनगर, लोनी और गाजियाबाद-डासना के तीन प्रस्तावों को मिलाकर मास्टर प्लान 2031 बनाया गया है। मुख्य योजना पर चर्चा करीब दो घंटे चली। मंडलायुक्त ने इस दौरान सभी मुद्दों को देखा। इसके बाद मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई। शासन की मंजूरी के बाद यह लागू होगा।

महायोजना 2031 लागू होने से गाजियाबाद, डासना, लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर में 61365.77 हेक्टेयर जमीन पर व्यवस्थित विकास किया जा सकेगा। भूमि का उपयोग आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, कृषि, मनोरंजन और अन्य उद्देश्यों के लिए निर्धारित होगा। प्राधिकरण का कोष बढ़ेगा तो विकास होगा। विकास शुल्क, नक्शा स्वीकृति शुल्क आदि से प्राधिकरण को आय मिलेगी। विकास शुल्क अधिक धन देगा।


हरित क्षेत्र विकसित होगा: महायोजना में प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए विकसित क्षेत्र से अधिक हरित क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा, जो मानक से अधिक होगा। उक्त पार्कों और हरित पट्टियों को भी विकसित किया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कोर्डिनेटर प्लान एससी गौड सहित बोर्ड सदस्यों ने बोर्ड बैठक में हिस्सा लिया।


टीओडी क्षेत्रों और विशिष्ट विकास क्षेत्रों को बढ़ाना

मास्टर प्लान में रैपिड कॉरिडोर में घोषित टीओडी जोन और विशेष विकास क्षेत्र को बढ़ा दिया गया है। दुहाई डिपो को स्टेशन घोषित करने से यहां विशेष विकास क्षेत्र बढ़ गया है। रैपिड कॉरिडोर के दुहाई डिपो और स्टेशन के आसपास प्रभाव क्षेत्र में पहले से प्रस्तावित कृषि भू-उपयोग की जमीन को टीओडी नीति के तहत मिश्रित भू-उपयोग किया गया है। गुलधर स्टेशन के पास 510 हेक्टेयर और दुहाई स्टेशन के पास 549 हेक्टेयर विशेष विकास क्षेत्र था. लेकिन, संशोधित मास्टर प्लान में प्रभावित क्षेत्र और विशेष विकास क्षेत्र दोनों करीब 500 हेक्टेयर बढ़ गए हैं। इस क्षेत्र में मिश्रित भू-उपयोग स्वीकार किया जाएगा।

नॉन कंफर्मिंग क्षेत्रों का सर्वे जारी है

लोनी और गाजियाबाद में अनियमित भू-उपयोग को नियंत्रित करने के लिए सर्वे चल रहा है। 1442.15 हेक्टेयर गैर अनुरूप भू-उपयोग की सूचना गाजियाबाद और लोनी में है। लोनी में 978.05 हेक्टेयर और गाजियाबाद में 464.11 हेक्टेयर हैं। नक्शे इस जमीन पर पास नहीं हो सकते। नॉन कन्फर्मिंंग भू-उपयोग को कन्फर्म करने के बाद सर्वे पूरा होने पर इन क्षेत्रों का भू-उपयोग प्रस्तावित किया जाएगा।

निवेश होगा

मास्टर प्लान 2031 के कार्यान्वयन से निवेश बढ़ेगा। नवीनतम मास्टर प्लान में रियल एस्टेट के लिए अधिक अवसर हैं। व्यवसाय बनाया जा सकेगा। निवेश राज्य के अन्य भागों में भी होगा, जिससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। युवा लोगों को काम मिल सकेगा।

घर मिल सकेगा

योजना में घरों की जगह है। लोग इससे घर पाएंगे। 35.7% क्षेत्र आवासीय रह जाएगा। 16.8% मनोरंजन, 16.8% परिवहन, 10% औद्योगिक, 9% सार्वजनिक, 2% मिश्रित भू-उपयोग और 2% व्यावसायिक क्षेत्र रहेंगे।

ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी

मास्टर प्लान में यातायात सुगम बनाने के लिए एक प्रणाली है। रोड पर ट्रक-बस टर्मिनल बनाए जाएंगे। भविष्य की योजनाओं के तहत प्रस्तावित मार्गों की चौड़ीकरण, चौराहों की डिजाइन और सौंदर्यीकरण एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मानकों के अनुरूप होगा।

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